Saturday 30 April 2016

जुटे सैकड़ों हाथ तो एक ही दिन में खुद गई नाडी











एमजेएसए को लेकर जिला कलक्टर की अनूठी पहल, पैट्रोल-डीजल बचाकर जल संरक्षण के लिए बहाया पसीना, अपनी कारें छोड़कर बस के जरिए श्रमदान स्थल पहुंचे कलक्टर-एसपी व अन्य अधिकारी,  पांच घंटे बहाया पसीना, देखते ही देखते खुद गई नाडी, सरकारी खजाने से नहीं खर्च हुआ एक भी पैसा
स्ीकर, 30 अप्रैल। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को लेकर जिला कलक्टर एलएन सोनी की अनूठी पहल पर शनिवार को जिला स्तरीय अधिकारियों ने अपनी सरकारी कारें छोड़ीं और पांच बसों में बैठकर श्रमदान स्थल पर पहुंचे। यही नहीं, स्वयं जिला कलक्टर एवं एसपी समेत सैकड़ों महिला-पुरूष अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस के जवानों व ग्रामीणों ने धोद ब्लॉक के गांव भुंवाला में तगारी-फावड़े उठाकर नाडी खुदाई कार्य पर पसीना बहाया और सामुदायिक सहयोग से एक ही दिन में दो लाख रुपए की लागत का यह कार्य पूरा कर अनूठी मिसाल पेश की।
मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक सादगीपूर्ण ढंग से किया गया यह श्रमदान जहां ग्रामीणों के लिए हैरत का विषय रहा। कल तक बेकार-सी नजर आने वाले जगह पर देखते ही देखते शनिवार दोपहर तक नाडी खुदकर तैयार हो गई। इस कार्य में एक भी सरकारी के खजाने से एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। 
प्रत्येक शनिवार को होेने वाले श्रमदान के सिलसिले में, इस शनिवार को जिला स्तरीय अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा भुंवाला के इस नाडी खुदाई कार्य पर श्रमदान किया जाना तय किया गया था। सवेरे सवा सात बजे सभी अधिकारी, कर्मचारी व पुलिस के जवान जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन पहुंचे। यहां से अधिकारी बसों में बैठे और सवेरे 7.35 बजे श्रमदान स्थल पर नाडी खुदाई के इस काम को पूरा करने के लिए फावड़े और तगारी संभाल लिए। कलक्टर एलएन सोनी, एसपी अखिलेश कुमार, विधायक गोरधन वर्मा, सीईओ केएन मीना, एसडीएम रामानंद शर्मा, एएसपी राकेश काछवाल आदि को श्रमदान करते देखकर ग्रामीण  भी पीछे नहीं रहे और कंधे से कंधा मिलाकर काम में जुट गए। करीब पांच घंटे तक सभी ने भरपूर काम किया और देखते ही देखते जोहड़ा खुदकर तैयार हो गया। धोद पंचायत समिति की ओर से श्रमदान के दौरान समुचित व्यवस्थाएं की गईं। साथ ही लायंस क्लब का भी सहयोग रहा।
महिला कांस्टेबलों ने मिलाया कंधे से कंधा
पुलिस द्वारा गोद लिए गए इस कार्य में पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी भरपूर साथ दिया और पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर श्रमदान किया। सरपंच संतोष देवी की अगुवाई में गांव की महिलाओं ने तगारी-फावड़े उठाए तो महिला कांस्टेबलों ने भी भरपूर पसीना बहाया। पुलिस के जवानों और अधिकारियों को इस प्रकार काम करते देखकर ग्रामीणों ने सुखद आश्चर्य जताया और इसे अपने लिए एक अनूठा अनुभव बताया। वातानुकूलित दफ्तरों और गाड़ियों का उपयोग करने वाले अधिकारियों का बस में बैठकर आना भी ग्रामीणों को खूब भाया और उन्होंने कहा कि पैट्रोल-डीजल की बचत के साथ-साथ प्रशासन ने ऎसा करके बढते प्रदूषण के खिलाफ भी एक संदेश दिया है। श्रमदान के लिए पहुंचे अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोई औपचारिकता नहीं करते हुए पूरे मन से श्रमदान किया और मेहनत की।

करीब छह सौ लोगों ने किया श्रमदान
भुंवाला में हुए इस श्रमदान में करीब छह सौ लोगों ने शिरकत की, जिनमें करीब जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों सहित 250 कार्मिक व पुलिसकर्मी तथा शेष भुंवाला के ग्रामीण व जनप्रतिनिधि शामिल थे। स्वैच्छिक श्रमदान करने वालों की इस संख्या पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए जिला कलक्टर सोनी ने कहा कि इस कार्यक्रम से एक संदेश देने का प्रयास किया गया है। जब सभी वर्गों के लोग मिलकर इस प्रकार जल संरक्षण के काम में जुटेंगे तो आने वाले दिनों में हमें पेयजल का संकट नहीं भुगतना पड़ेगा।
मीडियाकर्मी भी नहीं रहे पीछे
अधिकारियों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों को काम करते देखकर कलम और कैमरे थामने वाले मीडियाकर्मी भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी तगारी और फावड़े संभालकर जल संरक्षण के इस कार्य में अपनी सहभागिता को लेकर आश्वस्त किया। जनसंपर्क अधिकारी सहित विभिन्न जनसंपर्क कर्मियों ने भी श्रमदान किया। अधिकारियों व ग्रामीणों ने मीडिया के इस सकारात्मक रवैये की सराहना की।
ग्रामीणों में रहा उत्साह का माहौल
भुंवाला के ग्रामीणों ने सरपंच संतोष देवी के नेतृत्व में श्रमदान किया। श्रमदान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह का माहौल रहा। पूर्व सरपंच रामरतन ने बताया कि यह अभियान जहां जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा, वहीं श्रम से दूर होते युवाओं के लिए इस प्रकार का कार्य प्रेरणा देने वाला है। ग्रामीण महिला गीतादेवी ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार इस प्रकार अधिकारियों को जनहित में पसीना बहाते हुए देखा है और इस प्रकार का अनूठी पहल से उसे सुखद आश्चर्य हुआ है।
और अधिक सहयोग करें ग्रामीण
इस दौरान ग्रामीणों से बातचीत में कलक्टर सोनी ने कहा कि एमजेएसए अभियान ग्रामीणों के लिए ही है। उन्हें अभियान में अधिक से अधिक सहयोग देना चाहिए। एसपी अखिलेश कुमार ने कहा कि यह कार्य पुलिस द्वारा गोद लिया गया है, जिस पर सभी ने श्रमदान कर सहयोग किया है। विधायक गोरधन वर्मा ने कहा कि वे इससे भी अधिक ग्रामीणों को एमजेएसए में श्रमदान करते देखना चाहते हैं। इस दौरान  उप जिला प्रमुख शोभ सिंह अनोखू, सीईओ केएन मीना, एसडीएम रामानंद शर्मा, एएसपी राकेश काछवाल, बीडीओ रश्मि, लॉयंस क्लब के राजीव लोचन शर्मा, साक्षरता अधिकारी राकेश कुमार लाटा, डीईओ रेखाराम खीचड़, रोजगार अधिकारी चैन सिंह शेखावत, सीपीओ इंदिरा शर्मा, एमजेएसए प्रभारी राजेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह रूहेला, विनोद दाधीच आदि मौजूद थे।
श्रमदान में पहले से ही अग्रणी जिला है सीकर
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में श्रमदान को लेकर सीकर जिला पहले से ही अग्रणी रहा है और उद्घाटन के दिन से लेकर लगातार विभिन्न स्तरों पर श्रमदान चल रहा है। छह मार्च को जिले के सभी कार्यस्थलों पर जिला कलक्टर के नेतृत्व में एक साथ सामूहिक श्रमदान का आयोजन किया गया था, जिसमें कलक्टर, एसपी एवं विधायकों सहित जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने शिरकत की थी। पूरे राज्य में इस प्रकार का यह पहला उदाहरण था। 16 फरवरी को स्वयं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जिले के सालावाली गांव में बांध निर्माण कार्य पर श्रमदान कर जल स्वावलंबन का संदेश दिया था। इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को एमजेएसए कार्यस्थलों पर स्वैच्छिक श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 

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